
13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद पर हमला किया था. ये पांचों आतंकी एक सफेद एंबेसडर कार में आए थे. संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था. उस दौरान सैकड़ों सांसदों समेत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी भी संसद में मौजूद थीं. आतंकियों की इस फायरिंग से कई जवान शहीद हुए थे और सुरक्षाबलों ने उसी दिन पांचों आतंकियों को मार गिराया था. हमले की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमले में शहीद हुए लोगों के बलिदान और वीरता को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है.
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