
By : ABP Ganga | Updated : 16 Dec 2020 02:57 PM (IST)
साहस का सिलसिला हूं, हिमालय का हौसला हूं. केदारनाथ से काशी तक सदियों पुरानी परंपरा हूं. अवध की आवाज मेरी, पूर्वांचल की पुकार मेरी. पश्चिम में रहने वाली, बुंदेलखंड में बसने वाली, जिंदगियों का आईना हूं. संगम सियासी सरोकारों का, सवाल जनता की दरकारों का, मकसद मजलूमों के इंसाफ का. अन्याय के खिलाफ अभियान की, सबसे मजबूत धारा हूं. सच की बुनियाद का आसरा, मंजिल तक पहुंचने का माद्दा, संघर्ष की लहरों का सहारा. चुनौतियों के भंवर से वास्ता, तूफान में भरोसे की ताकत, मंझधार में उम्मीदों की हिम्मत लिए चल पड़ा हूं. मैं ABP Ganga हूं…
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