
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास हजारों की संख्या में किसानों के प्रदर्शन का मंगलवार को 27वां दिन है. तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी की अपनी जिद पर किसान संगठन अड़े हुए हैं. इधर, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिंडल इस मामले पर 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा. राहुल गांधी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल की तरफ से राष्ट्रपति को कृषि कानूनों के विरोध में इकट्ठा किए गए 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर भी सौंपे जाएंगे.
-कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा-
केन्द्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों के विरोध में हजारों की तादाद में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक बार फिर सरकार से कानूनों की वापसी की मांग की है. किसान मजदूर संघर्ष समिति का कहना है कि वे कानूनों में किसी तरह का संशोधन नहीं बल्कि इसकी वापसी चाहते हैं.
सिंघु बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह ने कहा- सरकार ने अपना रूख साफ कर दिया है कि वे कानूनों को वापस नहीं लेंगे. उन्होंने इस बारे में एक पत्र जारी किया है कि अगर किसान इन कानूनों में संशोधन चाहते हैं तो उन्हें चर्चा के लिए समय और तारीख देना चाहिए.
सरवन सिंह ने आगे कहा- यह आगे लेकर जाने का रास्ता नहीं बल्कि किसानों को भटकाने की चाल है. एक सामान्य आदमी यह सोचेगा कि किसान किसान अड़े हुए हैं लेकिन हम किसान कानूनों में कोई संशोधन नहीं चाहते हैं. वह पूरी तरह से इसकी वापसी चाहते हैं.
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने वाले किसानों में अधिकतर पंजाब और हरियाणा से हैं. सरकार के साथ किसानों की अब तक पांचवें दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया.
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