
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण अभी थमा नहीं है. कोरोना वायरस के कारण लोगों की मौत का सिलसिला भी अभी जारी है. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों की ओर से कई उपाय भी किए जा रहे हैं. इसके तहत कई राज्य कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू भी लागू कर रहे हैं. देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लागू है. लेकिन क्या वाकई नाइट कर्फ्यू कोरोना के संक्रमण को रोकने में प्रभावी है?
देश में महाराष्ट्र कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 19 लाख से ज्यादा संक्रमित केस सामने आ चुके हैं. वहीं महाराष्ट्र में कोरोना केस कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से पिछले काफी वक्त से नाइट कर्फ्यू लागू किया गया है. महाराष्ट्र में सात घंटे का नाइट कर्फ्यू लागू है. महाराष्ट्र में 5 जनवरी तक रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू है.
इसके अलावा राजस्थान में भी कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू किया गया है. राजस्थान के जिन जिलों में कोरोना वायरस के ज्यादा संक्रमित मामले हैं, वहां नाइट कर्फ्यू लागू है. राजस्थान में अभी तक कोरोना वायरस के तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. राजस्थान के आठ जिलों में भी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. इनमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर, कोटा और भीलवाड़ा जिले शामिल हैं. इसके अलावा राज्य के आधे जिलों में धारा 144 भी लागू है.
वहीं कर्नाटक ने भी नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है. देश में कोरोना वायरस से कर्नाटक महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. कर्नाटक में 2 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा. इसकी अवधि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक होगी. वहीं पंजाब में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के सभी शहरों में नाइट कर्फ्यू की समय सीमा बढ़ाकर एक जनवरी करने का आदेश दिया है. पंजाब में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू है.
नाइट कर्फ्यू की उपयोगिता
हालांकि नाइट कर्फ्यू लगाने का फायदा क्या है? इस पर विशेषज्ञों की राय कुछ अलग है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए राज्य सरकार भले ही नाइट कर्फ्यू लगाएं लेकिन इसकी उपयोगिकता को लेकर संशय है. विशेषज्ञ कहते हैं कि नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन कोरोना संक्रमण के कड़ी को तोड़ने में नाकाम रहते हैं और इनका फायदा नहीं होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर काम दिन में होते हैं, भीड़-भाड़ भी दिन में ज्यादा होती है, ऐसे में नाइट कर्फ्यू की उपयोगिता कम हो जाती है.
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